NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 Kar Chale Hum Fida

Kar Chale Hum Fida Class 10 Hindi Chapter 8

कक्षा  10   हिंदी पाठ 8   – कर चले हम फ़िदा ( कविता )

Kar Chale Hum Fida Class 10 Hindi Lesson Explanation, Summary, Question Answers

 

Kar Chale Hum Fida ‘कर चले हम फ़िदा’ Explanation, Summary, Question and Answers and Difficult word meaning

Kar Chale Hum Fida (कर चले हम फ़िदा) – CBSE Class 10 Hindi Lesson summary with detailed explanation of the lesson ‘Kar Chale Hum Fida‘ by Bihari along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with summary and all the exercises, Question and Answers given here

Author Intro – कवि परिचय

कवि – कैफ़ी आज़मी
जन्म – 1919 (उत्तर प्रदेश )
मृत्यु – 2002

Kar Chale Hum Fida Chapter Introduction – पाठ प्रवेश

जिंदगी सभी प्राणियों को प्रिय होती है। इसे कोई ऐसे ही बेमतलब गवाना नहीं चाहेगा। ऐसा रोगी जो ठीक नहीं हो सकता वो भी जीवन जीने की इच्छा करता है। जीवन की रक्षा करना , अपनी सुरक्षा करना और उस जीवन को बनाये रखने के लिए प्रकृति ने सिर्फ साधन ही उपलब्ध नहीं करवाएं है बल्कि सभी जीव – जंतुओं को उसे बनाने और बचाये रखने की भावना भी दी है। इसीलिए तो शांति प्रिय जीव भी अपनी जान बचाने के लिए हमला करने के लिए तैयार रहते हैं।

लेकिन सैनिक का जीवन बिलकुल इसके विपरीत होता है। क्योंकि सैनिक उस समय सीना तान कर खड़ा हो जाता है जब उसके जीवन पर नहीं बल्कि दूसरों के जीवन और आज़ादी पर संकट आता है। जबकि ऐसी स्थिति में उसे पता होता है कि दूसरों की आज़ादी और जिंदगी भले ही बची रह सकती है परन्तु उसकी जान जाने की सम्भावना सबसे अधिक होती है।

प्रस्तुत पाठ जो युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म   ‘हकीकत’ के लिए लिखा गया था, ऐसे ही सैनिकों के दिल की बात बयान करता है जिन्हें अपने किये पर नाज है। इसी के साथ उन्हें देशवासियों से कुछ आशाएँ भी हैं। जिनसे उन्हें आशाएँ हैं वो देशवासी हम और आप हैं तो इसलिए इस पाठ के जरिये हम जानेगे की हम किस हद तक उनकी आशयों पर खरे उतरे हैं।

Kar Chale Hum Fida Chapter Summary – पाठ सार

प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन है। सैनिक कभी भी देश के मानसम्मान को बचाने  से पीछे नहीं हटेगा। फिर चाहे उसे अपनी जान से ही हाथ क्यों ना गवाना पड़े। भारत – चीन युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी ,ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहदुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया। सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे। लेकिन देश के लिए प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी कभी कभी किसी किसी को ही मिल पाती है अर्थात सैनिक देश पर मर मिटने का एक भी मौका नई खोना चाहते। जिस तरह से दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है उसी तरह सैनिकों ने भी अपने प्राणों का बलिदान दे कर धरती को खून से लाल कर दिया है सैनिक कहते हैं कि हम तो देश के लिए बलिदान दे रहे हैं परन्तु हमारे बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए। जब भी जरुरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और कहते हैं कि अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दो। अपने वतन की रक्षा के लिए तुम ही राम हो और तुम ही लक्ष्मण हो अब इस देश की रक्षा का दायित्व तुम पर है।

Kar Chale Hum Fida Chapter Explanation – पाठ व्याख्या

कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
कट गए सर हमारे तो कुछ गम नहीं
सर हिमालय का हमने न झुकने दिया
मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

फ़िदा – न्योंछावर  
हवाले – सौंपना
बाँकपन – वीरता का भाव

प्रसंग -: प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में कवि एक वीर सैनिक का अपने देशवासियों को दिए आखरी सन्देश का वर्णन कर रहा है।

व्याख्या -: कवि कहते हैं कि सैनिक अपने आखिरी सन्देश में कह रहें है कि वो अपने प्राणों को देश हित के लिए न्योछावर कर रहें है ,अब यह देश हम जाते जाते आप देशवासियों को सौंप रहें हैं। सैनिक उस दृश्य का वर्णन कर रहें है जब दुश्मनों ने देश पर हमला किया था। सैनिक कहते है कि जब हमारी साँसे हमारा साथ नहीं दे रही थी और हमारी नाड़ियों में खून जमता जा रहा ,फिर भी हमने अपने बढ़ते क़दमों को जारी रखा अर्थात दुश्मनों को पीछे धकेलते गए। सैनिक गर्व से कहते है कि हमें अपने सर भी कटवाने पड़े तो हम ख़ुशी ख़ुशी कटवा देंगे पर हमारे गौरव के प्रतिक हिमालय को नहीं झुकने देंगे अर्थात हिमालय पर दुश्मनों के कदम नहीं पड़ने देंगे। हम मरते दम तक वीरता के साथ दुश्मनों का मुकाबला करते रहे अब इस देश की रक्षा का भार आप देशवासियों को सौंप रहे हैं।

जिंदा रहने के मौसम बहुत हैं मगर
जान देने की रुत रोज आती नहीं
हुस्न और इश्क दोनों को रुस्वा करे
वो जवानी जो खूँ में नहाती नहीं
आज धरती बनी है दुलहन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

रुत  – मौसम
हुस्न – सुन्दरता
रुस्वा – बदनाम
खूँ – खून

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में कवि सैनिक के बलिदान का भावनात्मक रूप से वर्णन कर रहा।

व्याख्या – सैनिक कहते हैं कि हमारे पूरे जीवन में हमें जिन्दा रहने के कई अवसर मिलते हैं लेकिन देश के लिए प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी कभी कभी किसी किसी को ही मिल पाती है अर्थात सैनिक देश पर मर मिटने का एक भी मौका नई खोना चाहते। सैनिक देश के नौजवानों को प्रेरित करते हुए कहते हैं कि सुंदरता और प्रेम का त्याग करना सीखो क्योंकि वो सुंदरता और प्रेम ही क्या ,जवानी ही क्या जो देश के लिए अपना खून न बहा सके। सैनिक देश की धरती को दुल्हन की तरह मानते है और कहते है कि जिस तरह दुल्हन को स्वयंवर में हासिल करने के लिए राजा किसी भी मुश्किल को पार कर जाते थे उसी तरह तुम भी अपनी इस दुल्हन को दुश्मनों से बचा कर रखना। क्योंकि अब हम देश की रक्षा का दायित्व आप देशवासियों पर छोड़ कर जा रहे हैं।

 

राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नए काफ़िले
 फतह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिंदगी मौत से मिल रही है गले
बाँध लो अपने सर से कफन साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

कुर्बानियाँ – बलिदान
वीरान – सुनसान
काफ़िलें  – यात्रिओं के समूह
फतह – जीत
जश्न – ख़ुशी

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों को देश के लिए बलिदान करने के लिए तैयार रहने को कहते हैं।

व्याख्या – सैनिक कहते हैं कि हम तो देश के लिए बलिदान दे रहे हैं परन्तु हमारे बाद भी ये सिलसिला चलते रहना चाहिए। जब भी जरुरत हो तो इसी तरह देश की रक्षा के लिए एकजुट होकर आगे आना चाहिए। जीत की ख़ुशी तो देश पर प्राण न्योछावर करने की ख़ुशी के बाद दोगुनी  हो जाती है। उस स्थिति में ऐसा लगता है मनो जिंदगी मौत से गले मिल रही हो। अब ये देश आप देशवासियों को सौंप रहे हैं अब आप अपने सर पर मौत की चुनरी बांध लो अर्थात अब आप देश की रक्षा के लिए तैयार हो जाओ।

खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
इस तरफ आने पाए न रावन कोई
तोड़ दो हाथ अगर हाथ उठने लगे
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियो

जमीं – जमीन
लक़ीर – रेखा

प्रसंग – प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी हिंदी पाठ्य पुस्तक ‘ स्पर्श भाग -2 ‘ से ली गई हैं। इसके कवि कैफ़ी आज़मी हैं। इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों को प्रेरित कर रहे हैं।

व्याख्या – सैनिक कहते हैं कि अपने खून से लक्ष्मण रेखा के समान एक रेखा तुम भी खींच लो और ये तय कर लो कि उस रेखा को पार करके कोई रावण रूपी दुश्मन इस पार ना आ पाय। सैनिक अपने देश की धरती को सीता के आँचल की तरह मानते हैं और कहते हैं कि अगर कोई हाथ आँचल को छूने के लिए आगे बड़े तो उसे तोड़ दो। अपने वतन की रक्षा के लिए तुम ही राम हो और तुम ही लक्ष्मण हो ।अब इस देश की रक्षा का दायित्व तुम पर है।

Kar Chale Hum Fida Chapter Question Answers – प्रश्न अभ्यास

(क )निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न 1 -: क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है ?

उत्तर -: यह  गीत सन  1962 के भारत – चीन युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। चीन ने तिब्बत की ओर से युद्ध किया और  भारतीय वीरों ने इसका बहदुरी से सामना  किया।

प्रश्न 2 -: ‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया ’,इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतिक है ?

उत्तर -: हिमालय भारत के मानसम्मान का प्रतिक है। देश के वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दे कर भी देश के मान सम्मान की रक्षा की।

प्रश्न 3 -: इस गीत में धरती को दुल्हन क्यों कहा गया है ?

उत्तर -: जिस तरह से दुल्हन को लाल जोड़े में सजाया जाता है उसी तरह सैनिकों ने भी अपने प्राणों का बलिदान देकर धरती को खून से लाल कर दिया है इसीलिए धरती को दुल्हन कहा गया है।

प्रश्न 4 -: गीत में ऐसे क्या ख़ास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह रह जाते हैं ?

उत्तर -: गीत में भावनात्मकता ,संगीतात्मकता ,लयबद्धता , सच्चाई आदि गुण  होते हैं जिसके कारण वे जीवन भर याद रह जाते हैं। ‘कर चले हम फ़िदा ‘ गीत में देशभक्ति और बलिदान की भावना स्पष्ट दिखाई देती है जिससे ये गीत हर हिंदुस्तानी के दिमाग  में छप गया है।

प्रश्न 5 -: कवि ने ‘साथियों’ सम्बोधन का प्रयोग किसके लिए किया गया है ?     

उत्तर -: कवि ने ‘साथियों’ शब्द का प्रयोग सैनिक, साथियों और देशवासियों के लिए प्रयोग किया है।

प्रश्न 6 -: कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है ?

उत्तर -: इस कविता में काफ़िले शब्द सैनिकों के समूह के लिए प्रयोग किया गया है ,सैनिक कहते हैं की यदि वे शहीद हो जाएँ तो सैनिकों के अनेक समूह तैयार होने चाहिए ताकि दुश्मन देश में ना घुस सके।

प्रश्न 7 -: इस गीत में ‘ सर पर कफ़न बाँधना ‘ किस ओर संकेत करता है?

उत्तर -: ‘ सर पर कफ़न बाँधना ‘ का अर्थ है ‘ मौत के लिए तैयार होना। सैनिक अपने अंतिम पलों में देशवासियों को सर पर कफ़न बाँधने के लिए कहता है क्योंकि उसने देश की रक्षा में अपने प्राण त्याग दिए है और अब देश की रक्षा का भार देशवासियों पर है।

प्रश्न 8 -: इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर -: प्रस्तुत कविता में देश के सैनिकों की भावनाओं का वर्णन है। सैनिक कभी भी देश के मानसम्मान को बचाने से पीछे नहीं हटेगा। फिर चाहे उसे अपनी जान से ही हाथ क्यों ना गवाना पड़े। सैनिक चाहता है की उसके बलिदान के बाद देश की रक्षा के लिए सैनिकों की कमी नहीं होनी चाहिए। दुश्मन कभी भी उसके द्वारा खींची गई खून की लक्ष्मण रेखा पार ना कर पाए इस उम्मीद से वो देश की रक्षा का भार देशवासियों पर छोड़ कर जा रहा है। सैनिक कहता है कि देश पर जान न्योछावर करने के मौके बहुत कम आते हैं। ये क्रम टूटना नहीं चाहिए।

(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए –

(1) साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
    फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया

उत्तर – इन पंक्तियों में कवि ने भारतीय जवानों के साहस का वर्णन किया है। कवि कहता है कि भारत – चीन युद्ध के दौरान सैनिकों को गोलियाँ लगने के कारण उनकी साँसें रुकने वाली थी ,ठण्ड के कारण उनकी नाड़ियों में खून जम रहा था परन्तु उन्होंने किसी चीज़ की परवाह न करते हुए दुश्मनों का बहदुरी से मुकाबला किया और दुश्मनों को आगे नहीं बढ़ने दिया।

(2) खींच दो अपने खूँ से जमीं पर लकीर
   इस तरफ आने पाए न रावन कोई

उत्तर – इन पंक्तियों में सैनिक भारत की धरती को सीता की तरह मानता है और अपने साथियों से कहता है की अपने खून से लक्ष्मण रेखा खींच लो ताकि कोई दुश्मन रूपी रावण भारत के आँचल को छू  भी न सके।

(3) छू न पाए सीता का दामन कोई
   राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो

उत्तर – इन पंक्तियों में सैनिक देशवासियों से कहता है कि वो तो अपना कर्तव्य निभाता हुआ देश के लिए शहीद हो रहा है परन्तु उसके  बाद सीता अर्थात भारत की भूमि की रक्षा करने वाले राम और लक्ष्मण दोनों हम ही हैं ।

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Chapter 8 कर चले हम फ़िदा

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

प्रश्न 1.
क्या इस गीत की कोई ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है?
उत्तर-
हाँ, इस गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। सन् 1962 में भारत पर चीन ने आक्रमण किया। युद्ध में अनेक सिपाही लड़ते-लड़ते शहीद हो गए। इसी युद्ध की पृष्ठभूमि पर ‘हकीकत’ फ़िल्म बनी थी। इस फ़िल्म में भारत और चीन युद्ध की वास्तविकता को दर्शाया गया था। यह गीत इसी फ़िल्म के लिए लिखा गया था।

प्रश्न 2.
‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया’, इस पंक्ति में हिमालय किस बात का प्रतीक है?
उत्तर-
‘सर हिमालय का हमने न झुकने दिया इस पंक्ति में हिमालय भारत के मान-सम्मान का प्रतीक है। 1962 में भारत चीन की लड़ाई हिमालय की घाटियों में लड़ी गई थी। हमारे अनेक सैनिक इस युद्ध में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे। हिमालय की बर्फीली चोटियों पर भारतीय जवानों ने बहादुरी एवं बलिदान की अनोखी मिसाल कायम की थी। भारतीय सेना के वीर जाँबाजों ने अपने प्राणों का बलिदान कर भारत के सम्मान की रक्षा की थी।

प्रश्न 3.
इस गीत में धरती को दुलहन क्यों कहा गया है?
उत्तर-
गीत में धरती को दुल्हन इसलिए कहा गया है, क्योंकि सन् 1962 के युद्ध में भारतीय सैनिकों के बलिदानों से, उनके रक्त से धरती लाल हो गई थी, मानो धरती ने किसी दुलहन की भाँति लाल पोशाक पहन ली हो अर्थात भारतीय सैनिकों के रक्त से पूरी युद्धभूमि लाल हो गई थी।

प्रश्न 4.
गीत में ऐसी क्या खास बात होती है कि वे जीवन भर याद रह जाते हैं?
उत्तर-
जीवन भर याद रह जाने वाले गीतों में हृदय का स्पर्श करने वाली भाषा और संगीत का अद्भुत तालमेल होता है। जो व्यक्ति के अंतर्मन में स्वतः ही प्रवेश कर जाता है। इस तरह गीतों के बोल सरल भाषा व प्रभावोत्पादक शैली में होने चाहिए ताकि वह व्यक्ति की जुबान पर आसानी से चढ़ सके। इन गीतों का विषय जीवन के मर्मस्पर्शी पहलुओं से जुड़ा होना चाहिए। ऐसे गीत हृदय की गहराइयों में समा जाते हैं और इन गीतों के सुर, लहरियाँ संपूर्ण मन मस्तिष्क को सकारात्मकता से ओत-प्रोत कर देती है और गीत जीवनभर याद रह जाते हैं।

प्रश्न 5.
कवि ने ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग किसके लिए किया है?
उत्तर-
कवि ने ‘साथियो’ संबोधन का प्रयोग देशवासियों के लिए किया है, जो देश की एकता को दर्शा रहा है। देशवासियों का संगठन ही देश को प्रगतिशील, विकासशील तथा समृद्धशाली बनाता है। देशवासियों का परस्पर साथ ही देश की ‘अनेकता में एकता’ जैसी विशिष्टता को मजबूत बनाता है।

प्रश्न 6.
कवि ने इस कविता में किस काफ़िले को आगे बढ़ाते रहने की बात कही है?
उत्तर-
‘काफिले’ शब्द का अर्थ है-यात्रियों का समूह। कवि ने इस कविता में देश के लिए न्योछावर होने वाले अर्थात् देश के मान-सम्मान व रक्षा की खातिर अपने सुखों को त्याग कर, मर मिटने वाले बलिदानियों के काफिले को आगे बढ़ते रहने की बात कही है। कवि का मानना है कि बलिदान का यह क्रम निरंतर चलते रहना चाहिए क्योंकि हमारा देश तभी सुरक्षित रह सकता है, जब बलिदानियों के काफिले शत्रुओं को परास्त कर तथा विजयश्री को हासिल कर आगे बढ़ते रहेंगे।

प्रश्न 7.
इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ किस ओर संकेत करता है?
उत्तर-
इस गीत में ‘सर पर कफ़न बाँधना’ देश के लिए अपना सर्वस्व अर्थात् संपूर्ण समर्पण की ओर संकेत करता है। सिर पर कफन बाँधकर चलने वाला व्यक्ति अपने प्राणों से मोह नहीं करता, बल्कि अपने प्राणों का बलिदान देने के लिए सदैव तैयार रहता है इसलिए हर सैनिक सदा मौत को गले लगाने के लिए तत्पर रहता है।

प्रश्न 8.
इस कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
प्रस्तुत कविता उर्दू के प्रसिद्ध कवि कैफ़ी आज़मी द्वारा रचित है। यह गीत युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म हकीकत के लिए लिखा गया है। इस कविता में कवि ने उन सैनिकों के हृदय की आवाज़ को व्यक्त किया है, जिन्हें अपने देश के प्रति किए गए हर कार्य, हर कदम, हर बलिदान पर गर्व है। इसलिए इन्हें प्रत्येक देशवासी से कुछ अपेक्षाएँ हैं कि उनके इस संसार से विदा होने के पश्चात वे देश की आन, बान व शान पर आँच नहीं आने देंगे, बल्कि समय आने पर अपना बलिदान देकर देश की रक्षा करेंगे।

(ख) निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1.
साँस थमती गई, नब्ज़ जमती गई
फिर भी बढ़ते कदम को न रुकने दिया
उत्तर-
भाव-इन पंक्तियों का भाव यह है कि हमारे वीर सैनिक देश रक्षा के लिए दिए गए अपने वचन का पालन अपने जीवन के अंतिम क्षण तक करते रहे युद्ध में घायल इन सैनिकों को अपने प्राणों की जरा भी परवाह नहीं की। उनकी साँसें भले ही रुकने लगीं तथा भयंकर सर्दी के कारण उनकी नब्ज़ चाहे जमती चली गई किंतु किसी भी परिस्थिति में उनके इरादे डगमगाए नहीं। भारत माँ की रक्षा के लिए उनके बढ़ते कदम न तो पीछे हटे और न ही रुके। वे अपनी अंतिम साँस तक शत्रुओं का मुकाबला करते रहे।

प्रश्न 2.
खींच दो अपने खू से जमीं पर लकीर
इस तरफ़ आने पाए न रावन कोई
उत्तर-
इन अंशों का भाव है कि सैनिकों ने अंतिम साँस तक देश की रक्षा की। युद्ध में घायल हो जाने पर जब सैनिकों की साँसें रुकने लगती हैं अर्थात् अंतिम समय आने पर तथा नब्ज़ के रुक-रुककर चलने पर, कमज़ोर पड़ जाने पर भी उनके कदम नहीं रुकते, क्योंकि वे भारतमाता की रक्षा हेतु आगे बढ़ते रहते हैं और हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं।

प्रश्न 3.
छू न पाए सीता का दामन कोई
राम भी तुम, तुम्हीं लक्ष्मण साथियो
उत्तर
भाव-इन पंक्तियों का भाव यह है कि भारत की भूमि सीता माता की तरह पवित्र है। इसके दामन को छूने का दुस्साहस किसी को नहीं होना चाहिए। यह धरती राम और लक्ष्मण जैसे अलौकिक वीरों की धरती है जिनके रहते सीमा पर से कोई शत्रु रूपी रावण देश में प्रवेश कर देश की अस्मिता को लूट नहीं सकता। अतः हम सभी देशवासियों को मिलकर देश की गरिमा को बनाए रखना है अर्थात् देश के मान-सम्मान व उसकी पवित्रता की रक्षा करना है।

भाषा अध्ययन

प्रश्न 1.
इस गीत में कुछ विशिष्ट प्रयोग हुए हैं। गीत के संदर्भ में उनका आशय स्पष्ट करते हुए अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
कट गए सर, नब्ज़ जमती गई, जान देने की रुत, हाथ उठने लगे
उत्तर-
कट गए सर- बलिदान हो गए।
घुसपैठियों द्वारा किए गए हमले में पठानकोट एअरबेस के कई सैनिकों के सर कट गए।
नब्ज़ जमती गई- नसों में खून जमता गया।
लेह की कड़ी सरदी में जवानों की नब्ज़ जमती जाती है फिर भी वे देश की रक्षा में सजग रहते हैं।
जान देने की रुत- मातृभूमि के लिए कुरबान होने का अवसर।
अपने देश के लिए जान देने की रुत आने पर भूल से भी नहीं चूकना चाहिए।
हाथ उठने लगे- जब देश पर आक्रमणकारियों के हाथ उठने लगे तो उसे काट देना चाहिए।

प्रश्न 2.
ध्यान दीजिए संबोधन में बहुवचन ‘शब्द रूप’ पर अनुस्वार का प्रयोग नहीं होता; जैसे- भाइयो, बहिनो, देवियो, सः जनो आदि।
उत्तर
छात्र इन उदाहरणों के माध्यम से समझें-
भाइयो- सफ़ाई कर्मचारियों के नेता ने कहा, भाइयो! कहीं भी गंदगी न रहने पाए।
बहिनो- समाज सेविका ने कहा, बहिनो! कल पोलियो ड्राप पिलवाने ज़रूर आना।
देवियो- पुजारी ने कहा, देवियो! देवियो! कलश पूजन में जरूर शामिल होना।
सज्जनो- सज्जनो! यहाँ सफ़ाई बनाए रखने की कृपा करें।

योग्यता विस्तार

प्रश्न 1.
कैफ़ी आज़मी उर्दू भाषा के एक प्रसिद्ध कवि और शायर थे। ये पहले गज़ल लिखते थे। बाद में फ़िल्मों में गीतकार और कहानीकार के रूप में लिखने लगे। निर्माता चेतन आनंद की फ़िल्म ‘हकीकत’ के लिए इन्होंने यह गीत लिखा था, जिसे बहुत प्रसिद्धि मिली। यदि संभव हो सके तो यह फ़िल्म देखिए।
उत्तर-
छात्र अपने माता-पिता की मदद से यह फ़िल्म देखें।

प्रश्न 2.
‘फ़िल्म का समाज पर प्रभाव’ विषय पर कक्षा में परिचर्चा आयोजित कीजिए।
उत्तर-
फ़िल्म को समाज पर प्रभाव- फ़िल्में हमारे समाज का प्रतिबिंब होती हैं। तत्कालीन समाज में जो कुछ घटित होता है। उसका जीता-जागता चित्र फ़िल्मों में दिखाया जाती है। इनका निर्माण समाज के द्वारा समाज में उच्च मानवीय मूल्यों की स्थापना एवं सामाजिक विकास के लिए किया जाता है। फ़िल्मों से एक ओर जहाँ समाज का मनोरंजन होता है वहीं फ़िल्में समाज को संदेश देते हुए कुछ करने के लिए दिशा दिखा जाती हैं। ‘हकीकत’ कुछ ऐसी ही फ़िल्म थी जिसे देखकर अपनी मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरने का जोश पैदा हो जाता है।

फ़िल्में सामाजिक बदलाव लाने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सामाजिक कुरीतियाँ-दहेज प्रथा, नशाखोरी, जातिवाद आदि पर अंकुश लगाने में फ़िल्मों की भूमिका सराहनीय होती है। युवा पीढ़ी को संस्कारित करने तथा उनमें मानवीय मूल्य प्रगाढ़ करने में फ़िल्मों का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। समाज के सामने अच्छी फ़िल्में आएँ, यह निर्माताओं का दायित्व है।

प्रश्न 3.
कैफ़ी आज़मी की अन्य रचनाओं को पुस्तकालय से प्राप्त कर पढ़िए और कक्षा में सुनाइए। इसके साथ ही उर्दू भाषा के अन्य कवियों की रचनाओं को भी पढ़िए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 4.
एन० सी० ई० आर० टी० द्वारा कैफ़ी आज़मी पर बनाई गई फ़िल्म देखने का प्रयास कीजिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

परियोजना कार्य

प्रश्न 1.
सैनिक जीवन की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए एक निबंध लिखिए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
आज़ाद होने के बाद सबसे मुश्किल काम है ‘आज़ादी बनाए रखना’। इस विषय पर कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तर-
यह पूर्णतया सत्य है कि आजाद होना कठिन काम है। आज़ादी पाने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ता है, त्याग करना पड़ता है और हज़ारों को कुरबान होना पड़ता है। इतनी कठिनाई से प्राप्त आज़ादी को बनाए रखना भी आसान काम नहीं है। आजादी प्राप्ति के समय जो विभिन्न जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा क्षेत्र आदि के लोग अपनी इस संकीर्णता को छोडकर एकजुट होकर आजादी के लिए तन-मन-धन अर्थात् सर्वस्व न्योछावर करने को तैयार थे और जिनके अथक प्रयासों से आज़ादी मिली वही बाद में जाति, धर्म, संप्रदाय, क्षेत्र, भाषा आदि के नाम पर अलगाववाद का समर्थन करते नजर आते हैं, जिससे हमारी एकता पर अनेकता में बदलने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। ऐसी स्थिति का अनुचित लाभ उठाने के लिए कुछ शत्रु देश सक्रिय हो जाते हैं।

वे तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर हमें गुलाम बनाने की कुचेष्टा करते हैं। वे हमारी फूट का लाभ उठाते हैं। वे धन, छल-बल, कूटनीति का सहारा लेकर एकता को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। इसमें तनिक भी सफलता मिलते ही वे दंगे भड़काने का प्रयास करते हैं, भेदभाव को उकसाते हैं ताकि हम आपस में ही लड़-मरें। उन्हें तो इसी अवसर की प्रतीक्षा होती है। हमें भूलकर भी ऐसी स्थिति नहीं आने देनी चाहिए। यद्यपि कुछ लोग दिग्भ्रमित होकर गलत कदम उठा लेते हैं, परंतु हमें ऐसे लोगों को भी सही राह पर लाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए और अपनी आज़ादी को हर संभावित संकट से बचाना चाहिए। अतः पूर्णतया सत्य है कि आज़ाद होने के बाद सबसे मुश्किल काम है ‘आजादी बनाए रखना।

प्रश्न 3.
अपने स्कूल के किसी समारोह पर यह गीत या अन्य कोई देशभक्तिपूर्ण गीत गाकर सुनाइए।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

अन्य पाठेतर हल प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘कर चले हम फ़िदा जानो तन’ के माध्यम से सैनिक क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर-
‘कर चले हम फ़िदा जानो तन’ के माध्यम से सैनिक देशवासियों और युद्ध कर रहे अपने साथियों से यह कहना चाहते हैं कि उन्होंने साहस और वीरता से अपने देश की रक्षा की है। अपने तन में प्राण रहते हुए उन्होंने देश की मर्यादा और प्रतिष्ठा पर आँच नहीं आने दिया। उन्होंने अपने सीने पर गोलियाँ खाकर देश के लिए अपने प्राणों को उत्सर्ग कर दिया है। अब देश की रक्षा के लिए तुम भी अपने प्राणों की बाजी लगा देना।

प्रश्न 2.
सैनिकों के लड़ने के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं थीं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
भारत और चीन के बीच हुए इस युद्ध का रणक्षेत्र बना था–हिमालय की घाटियाँ जहाँ तापमान इतना कम होता है कि वहाँ खड़ा रहना भी कठिन होता है। हडियाँ कँपा देने वाली ऐसी ही सरदी में भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे थे, परंतु सरदी के कारण उनकी साँसें रुकती हुई प्रतीत हो रही थीं और उनकी नसों का खून जमने की स्थिति तक पहुँच गया था।

प्रश्न 3.
सैनिकों ने हिमालय का सिर न झुकने देने के लिए क्या किया?
उत्तर-
भारतीय सैनिकों में देश प्रेम और राष्ट्रभक्ति की भावना चरम पर थी। उन्हें अपना देश और मातृभूमि प्राणों से भी प्रिय थी। इसके रक्षा के लिए उन्होंने विपरीत परिस्थितियों की परवाह नहीं की। वे निरंतर आगे ही आगे बढ़ते जा रहे थे। हालात ऐसे थे कि उनकी साँसें रुक रही थीं और साँस लेना कठिन हो रहा था तथा रक्त जमता जा रहा था, फिर भी इसकी परवाह किए बिना लड़ते हुए अपना बलिदान दे दिया।

प्रश्न 4.
‘भरते-मरते रहो बाँकपन साथियो के माध्यम से सैनिक देशवासियों को क्या संदेश देना चाहते थे?
उत्तर-
‘मरते-मरते रहा बाँकपन साथियो’ के माध्यम से सैनिक देशवासियों से यह कहना चाहते हैं कि वे शत्रुओं से युद्ध करते हुए अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए पूरे जोश और साहस से युद्ध किए। उन्होंने अपने मनोबल को गिरने नहीं दिया और सच्चे सैनिक की तरह मातृभूमि के लिए अपना बलिदान दे दिया। वे देशवासियों को यह संदेश देना चाहते हैं कि देशवासी भी इसी तरह साहस से देश की रक्षा करते हुए वीरता की नई गाथा लिखें।

प्रश्न 5.
भारतीय सैनिकों को युद्ध में किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ा?
उत्तर-
भारतीय सैनिकों को चीनी सैनिकों के साथ हुए युद्ध में कई मुसीबतों का सामना करना पड़ा; जैसे

  • हिमालय की घाटियों जैसे दुर्गम स्थानों पर युद्ध करना पड़ा।
  • हाड़ गला देने वाली सरदी में सैनिकों का खून जम रहा था।
  • उनके सिर पर शत्रु मौत बनकर मॅडरा रहे थे।
  • बर्फ के कारण उन्हें साँस लेने में कठिनाई हो रही थी।

प्रश्न 6.
अपना बलिदान देकर भी सैनिकों को दुख की अनुभूति क्यों नहीं हो रही है?
उत्तर-
एक सच्चा सैनिक देश के लिए ही जीता और मरता है। वह अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की बाजी लगाना अपना धर्म समझता है। वह अपना सब कुछ अर्पित कर देश के काम आना चाहते हैं। ऐसा करके वे अपने सैन्यधर्म का पालन करके गर्वानुभूति करते हैं। चीन के साथ युद्ध में शहीद भारतीय सैनिक अपना बलिदान देकर भी गर्वानुभूति कर रहे हैं, फिर उन्हें दुख की अनुभूति कैसे होने पाती। उन्हें गर्व है कि उन्होंने हिमालय का सर झुकने नहीं दिया।

प्रश्न 7.
‘आज धरती बनी है दुलहन साथियो’ ऐसा सैनिकों को क्यों लग रहा है?
उत्तर-
दुलहन अर्थात् नववधू की सुंदरता अद्वितीय होती है। लाल रंग के परिधान उसकी सुंदरता को विगुणित कर देते हैं। हिमालय की घाटियों की जमीन सैनिकों के रक्त से लाल हो रही है। वहाँ युद्ध कर रहे सैनिकों को लगता है कि भारत भूमि ने लाल परिधान धारण कर लिया है। इस परिधान में वह लाल जोड़े में सजी दुलहन-सी नज़र आ रही है।

प्रश्न 8.
सैनिक अपनी जवानी को कब सार्थक मानता है?
उत्तर-
एक सच्चा सैनिक अपनी मातृभूमि से अगाध लगाव रखता हुआ देश के लिए जीता और मरता है। वह शत्रुओं से हर समय मुकाबले को तैयार रहता है। वह, अपने प्राणों की परवाह किए बिना हर संकट को झेलने के लिए तैयार रहता है। एक सच्चा सैनिक अपनी जवानी को तभी सार्थक मानता है जब वह शत्रुओं से युद्ध करते हुए अपने प्राणों की बलि दे दे और उसके खून की एक-एक बूंद देश के काम आ जाए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘कर चले हम फ़िदा’ कविता युवाओं में राष्ट्र प्रेम और देशभक्ति की भावना प्रगाढ़ करती है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में भारतीय सैनिकों के साहस एवं वीरता की गाथा है। इन सैनिकों ने अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में चीनी सैनिकों का मुंहतोड़ जवाब दिया और उन्हें रोकते हुए आगे ही आगे कदम बढ़ाते-बढ़ाते गए। देश की रक्षा करते हुए उन्होंने अपनी जान की परवाह नहीं की और कुरबान हो गए। यह कविता पढ़कर युवामन जोश से भर उठता है तथा देश एवं मातृभूमि की शत्रुओं से रक्षा करने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर होने के लिए प्रेरित होता है। उसकी देशभक्ति हिलोरे लेने लगती है। वह साहस एवं जोश से भर उठता है। इस प्रकार यह कविता राष्ट्रप्रेम और देशभक्ति की भावना प्रगाढ़ करती है।

प्रश्न 2.
‘कर चले हम फ़िदा’ कविता की प्रासंगिकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में 1962 में चीन के साथ हुए युद्ध का मर्मस्पर्शी वर्णन है। यह कविता एक ओर भारतीयों के साहस तथा वीरता का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत करती है, साथ ही उनके त्याग एवं बलिदान की अनुपम गाथा भी दोहराती है। यह कविता अपने रचना काल में जितनी प्रासंगिक थी उससे कहीं अधिक आज प्रासंगिक है। आज देश में पड़ोसी देश से जब घुसपैठ का खतरा बढ़ा है, जयचंदों की संख्या बढ़ी है तथा लोग भाषा, जाति, क्षेत्र, धर्म आदि के नाम पर अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हों, तब इस कविता की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है। यह कविता वीरों का उत्साह बढ़ाने और युवाओं में राष्ट्रभक्ति प्रगाढ़ करने के लिए अधिक प्रासंगिक है।

प्रश्न 3.
कविता में राम, लक्ष्मण, सीता और रावण का प्रयोग किन संदर्भो में हुआ है, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
‘कर चले हम फ़िदा’ कविता में राम, लक्ष्मण, सीता और रावण जैसे पौराणिक पात्रों का प्रयोग देशवासियों, भारतमाता और देश के शत्रुओं के संदर्भ में किया गया है। सीता अत्यंत, सुंदर, पवित्र गरिमामयी स्त्री थी। कुछ ऐसी ही स्थिति हमारी मातृभूमि भारत माता की है। यह हमारी भारतमाता तरह-तरह से समृद्ध और गौरवपूर्ण है। कुछ शत्रु रूपी रावण इसकी ओर कुदृष्टि रखते हैं और अपना बना लेना चाहते हैं। जिस तरह राम और लक्ष्मण ने रावण को मारकर सीता की रक्षा की थी, उसी प्रकार भारतीय सैनिकों और देशवासियों से अपेक्षा की गई है कि वे सीता रूपी भारतमाता की रक्षा के लिए रावण रूपी शत्रुओं से युद्ध करें तथा आवश्यकता पड़ने पर अपना बलिदान देकर साहस एवं वीरता की नई गाथा लिखें।

 

पूर्व वर्षों के प्रश्नोत्तर
2016
अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 1.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 1
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 1a

लाघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 2.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 2
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 2a

दीर्घ उत्तरी प्रश्न

Question 3.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 3
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 3a
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 3b

Question 4.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 4
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 4a

Question 5.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 5
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 5a

Question 6.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 6
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 5a

2015
अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 7.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 7
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 7a

लाघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 8.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 8
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 8a

दीर्घ उत्तरी प्रश्न

Question 9.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 9
Answer:

लाघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 10.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 10
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 10a

काव्यांश पर आधारित प्रश्न

Question 11.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 11
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 11a
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 11b

Question 12.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 12
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 12a

2013
लाघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 13.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 13
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 13a

Question 14.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 14
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 14a

Question 15.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 15
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 15a

2012
लाघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 16.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 16
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 16a

Question 17.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 17
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 17a

काव्यांश पर आधारित प्रश्न

Question 18.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 18
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 18a

Question 19.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 19
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 19a
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 19b

2011
अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 20.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 20
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 7a

लाघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 21.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 21
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 21a

काव्यांश पर आधारित प्रश्न

Question 22.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 22
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 22a

2010
लाघुत्तरात्मक प्रश्न

Question 23.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 23
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 23a

Question 24.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 24
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 5a

काव्यांश पर आधारित प्रश्न

Question 25.
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 25
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 25a
Answer:
Chapter Wise Important Questions CBSE Class 10 Hindi B - कर चले हम फ़िदा 25b

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